भुट्टे में छिपा सेहत का खजाना




बारिश का मौसम हो और भुट्टे की चर्चा न हो तो बात अधूरी लगती है। सड़क के किनारे खड़े होकर ठेले से भुट्टा लेने की बात याद आते ही उसकी सोधी खुशबू और भुट्टे पर बड़े मन से लगाये गये नीबू-नमक का अंदाज ही निराला होता है। पीले रंग का भुट्टा देखते ही अभी भी दिल मचल जाता है। भुट्टे में कैरोटीन की मौजूदगी के कारण यह पीला होता है। 

भुट्टे को गरीबों का भोज्य पदार्थ भी कहा जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की अधिकता होती है तथा खनिज और विटामिन जैसे पोटेशियम, फासफोरस, आयरन और थायसीन जैसे तत्व भी होते हैं। इतना ही नहीं आयुर्वेद के अनुसार, भुट्टा कफ-पित्त नाशक व दस्त रोकने वाला भी है। विटामिन ए, बी-2, ई, फास्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, आर्गेनिक अम्ल, फैट और प्रोटीन से भरपूर भुट्टा ऊर्जा का भी अच्छा स्त्रोत है। कार्नफ्लैक्स की तरह खाने से यह हृदय रोग में भी सहायक है। यह घरेलू उपचार के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है।

कितने सारे फायदे-

आपको पता है मक्का सिर्फ खाने में ही टेस्टी नहीं होती, बल्कि इससे हमें खूब एनर्जी मिलती है। इसमें खूब सारे विटामिन और मिनरल होते हैं। इसमें फाइबर होता है, इ‍सलिये इसे खाने से पेट का डायजेशन अच्‍छा रहता है। इससे कब्ज, बवासीर और पेट के कैंसर के होने की संभावना दूर होती है।

इतना ही नहीं, ताजे भुट्टे पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन, गुर्दों की कमजोरी दूर हो जाती है। भुट्टे के पीले दानों में बहुत सारा मैगनीशियम, आयरन, कॉपर और फॉस्‍फोरस पाया जाता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। 

भुट्टा दिल के लिए भी बहुत अच्छा होता है और यह दिल की बिमारियों से भी बचाता है, क्‍योंकि इसमें विटामिन सी, कैरोटिनॉइड और बायोफ्लेविनॉइड पाया जाता है। यह कोलेस्‍ट्रॉल लेवल को बढने से बचाता है और शरीर में खून के फ्लो को भी बढाता है। जिनको एनीमिया की शिकायत है वह भुट्टा जरुर खाएं क्योंकि क्‍योंकि इसमें विटामिन बी और फोलिक एसिड होता है जिससे एनीमिया दूर होता है। 

गर्भवती महिलाओं के लिए तो भुट्टा बहुत ही फायदेमंद है उनको तो चाहिए अपने आहार में शामिल करें क्योंकि इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है जिसकी कमी से होने वाला बच्‍चा अंडरवेट हो सकता है और कई अन्‍य बीमारियों से पीडि़त भी।

कहाँ से आया यह भुट्टा-

जब इतने सारे गुण एक भुट्टे में विधमान है तो सवाल यह उठता है की यह भुट्टा आया कहाँ से? विश्व में गेहूँ के बाद सबसे ज्यादा उत्पादन मक्के का ही होता है। मक्के को 2100 ईसा पूर्व में अमेरिका में उगाया गया था। इसके बाद यह धीरे-धीरे दुनिया के और हिस्सों में भी फैली। आज मक्के का सबसे अधिक उत्पादन अमेरिका में होता है। इसके बाद चीन का नाम आता है। मक्के को उगाने वाले देशों में मेक्सिको, इंडोनेशिया, भारत, फ्रांस, अर्जेटीना, दक्षिण अफ्रीका और यूक्रेन का नाम शामिल है।

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