दुरुस्त दिल के लिए भ्रमों से रहें दूर



हृदयरोग से जुड़े ऐसे कई मिथक हैं, जो पूरी तरह बेबुनियाद होने के बावजूद
अधिकांश लोगों के दिमाग में घर किए रहते हैं। ये गलत-सही जानकारियां हमें
कहीं से भी मिल सकती हैं, लेकिन इन पर विश्वास करना हमारे हृदय के लिए
हानिकारक हो सकता है।



हृदय विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें हृदयरोगियों का उपचार करते समय
उन्हें रोगियों के ऐसे कई मिथकों को भी दूर करना पड़ता है। कुछ मिथक तो
बहुत आम होते हैं और इन मिथकों को तोड़कर सही तथ्य स्पष्ट करने मात्र से
रोगियों के हृदय को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।



विख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ अशोक सेठ के अनुसार, हृदयरोग से जुड़े मिथकों में
सबसे आम धारणा यह है कि हर तरह का व्यायाम हृदय के लिए लाभकारी होता है।
सेठ ने बताया, "तेज गति से 45 मिनट टहलना या एरोबिक्स करना दिल के लिए
स्वास्थ्यकर होता है। लेकिन जरूरी नहीं है कि भारोत्तोलन और कसरत भी दिल के
लिए लाभकारी ही हो।"



लोगों में आम धारणा यह भी है कि महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा कम होता
है। सेठ ने बताया, "महिलाओं की मृत्यु के सबसे बड़े कारकों में दिल की
बीमारी ही है, बल्कि स्तन कैंसर की अपेक्षा छह गुना अधिका महिलाओं की मौत
दिल की बीमारी से होती है।"



उन्होंने आगे बताया कि पुरुषों को हल्की परेशानी होते ही वे चिकित्सक के
पास चले जाते हैं, लेकिन सहनशक्ति अधिक होने के कारण महिलाएं हल्की-फुल्की
परेशानी यूं ही झेल जाती हैं।उन्होंने यह भी बताया कि कई बार तो चिकित्सक
के पास जाने पर कैंसर तक की जांच लिख दी जाती है, लेकिन दिल की जांच नहीं
करवाई जाती।



दिल्ली के मैक्स अस्पताल में हृदयरोग विशेषज्ञ के.के. तलवार ने भी इन बातों
का समर्थन किया। उन्होंने बताया, "महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन के रहने
से वे कुछ हद तक इससे संरक्षित तो रहती हैं, लेकिन धुम्रपान, अस्वास्थ्यकर
भोजन करने की आदत और गर्भनिरोधक दवाएं लेने के कारण उनमें भी दिल की बीमारी
का खतरा काफी होता है। मेनोपाज के बाद तो यह खतरा और बढ़ जाता है।"



इसके अलावा ऐसे ढेरों मिथक हैं, जिन्हें समाज के मस्तिष्क से दूर किए जाने
की जरूरत है, जैसे युवाओं को दिल की बिमारी नहीं हो सकती या जब सीने के
बाईं ओर दर्द हो तभी दिल की बीमारी की आशंका व्यक्त की जाती है। हृदयरोग
विशेषज्ञ सुनीता चौधरी ने बताया कि दिल की बीमारी होने पर दाहिनी बांह,
ऊपरी पेड़ू या आम तौर पर बाईं बांह में भी दर्द हो सकता है।



अधिकांश विज्ञापनों में कुछ विशेष तरह के खाद्य तेलों को हृदय के लिए अच्छा
बताया जाता है, लेकिन वास्तव में यह पूरी तरह सच नहीं होता। हृदयरोग
विशेषज्ञों का मानना है कि कई बार सही और गलत जानकारी में बहुत मामूली अंतर
होता है, इसलिए सावधान रहने की जरूरत है।



विशेषज्ञों की सलाह :



-सक्रिय रहें : नियमित तौर पर प्रतिदिन 30 से 45 मिनट तक टहलने और हल्के
व्यायाम करने से न सिर्फ आपका हृदय बल्कि पूरा शरीर स्वस्थ रहेगा।



- भोजन : अपने भोजन के प्रति सजग रहें। ताजी हरी सब्जियां और फल खाएं, मोटे
अनाज की रोटी और चावल का सेवन करें तथा वसायुक्त भोजन से बचें। जंक फूड से
भी बचें।



-धूम्रपान न करें



-शराब का संतुलित सेवन ही करें



-तनाव से मुक्त रहें।



एक प्रख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ ने बहुत व्यावहारिक बात कही है कि तनाव रहित
नहीं रहा जा सकता, लेकिन उससे निजात पाने का पूरा प्रयास करना चाहिए। इसके
लिए वह संगीत को सबसे बेहतर विकल्प बताते हैं। 





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