वीरों की भूमि बुंदेलखंड तथा वीरंगना रानी लक्ष्मीबाई की तपोभूमि झांसी
में हो रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दूसरी विजय शंखनाद रैली में
लोगों को बुलाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक अनोखा तरीका अख्तिायार
किया है। यह अनूठी पहल हालांकि वर्तमान पीढ़ी के लिए नई बात हो सकती है,
लेकिन आनादि काल से ही शुभ कार्य में आगंतुकों को बुलाने के लिए पीला अक्षत
(चावल) भेजे जाने की भारतीय परंपरा रही है।
भाजपा के इस अनूठे निमंत्रण से मोदी की रैली में आने वालों की संख्या काफी
बढ़ने की संभावना है। भाजपा समर्थकों का कहना है कि यही एक ऐसी पार्टी है
जो भारतीय परंपरा को बचा सकती है, साथ ही देश को सशक्त व समृद्धि के रास्ते
पर ले जा सकती है। शहर के कुछ लोगों का भी मानना है कि निमंत्रण के इस
तरीके से लोगों का भाजपा से लगाव ही नहीं, आत्मीयता भी बढ़ी है। इतना ही
नहीं, जो इस पार्टी का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विरोध करते हैं, वे
भी भाजपा द्वारा भेजे गए पीले अक्षत को स्वीकार कर रहे हैं और रैली में आने
का वादा कर रहे हैं।
झांसी के रहने वाले ज्योतिषाचार्य पं. संजय ने बताया, "हमारी भारतीय परंपरा
में सनातन धर्म का प्रतीक है पीतांबर। परंपरा में तीन रंग शुभकारी हैं-
रक्तांबर, पीतांबर और श्वेतांबर।" उन्होंने बताया कि ब्रह्मा रजोगुण यानी
पीतांबर, विष्णु सतोगुण यानी श्वेतांबर तथा भगवान शंकर तमोगुण यानी
रक्तांबर के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि वैदिक परंपरा में अक्षत का
महात्मय बहुत है। अच्छत का मतलब जिसका कभी क्षय (नाश) न हो। पीले रंग में
रंगना अर्थात शुभकार्य का प्रगटीकरण, प्रगति का प्रतीक तथा ताकत के प्रतीक
को दर्शाती है। पीले रंग अर्थात हल्दी को महौषधि भी कहा गया है। हल्दी एक
ऐसी औषधि है जिसे सभी प्रकार के रोगों में इस्तेमाल किया जाता है, यह
एंटीबायोटिक भी है।
इस निमंत्रण से अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा संदेश देना चाहती है कि भारतीय
परंपराओं व प्राचीन विरासत की नींव पर ही भारत का विकास होगा। मोदी के मंच
पर रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीर को लगाकर पार्टी ने विपक्षियों को यह भी
संदेश देने की कोशिश की है कि भारत में अब महापुरुषों व क्रांतिकारियों का
अपमान नहीं होने दिया जाएगा और उनके सपनों को पार्टी सकार भी करेगी।
इस अनोखे निमंत्रण पर पार्टी के मीडिया प्रभारी मनीष शुक्ल ने कहा कि
वीरंगना रानी लक्ष्मीबाई की इस धरती से विपक्षियों को मोदी की ताकत का
अहसास होगा। इस अनोखी पहल का मतलब ही है कि वर्तमान देश की जर्जर अवस्था से
उबारने के लिए देश को मोदी भाई जैसे एंटीबायोटिक यानी हल्दी की आवश्यकता
है।
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