किसी भी राष्ट्र के विकास का आकलन उसके देश की महिलाओं से किया जाता है।
इसलिए महिलाओं का विकास देश का विकास है। 8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला
दिवस मनाया जाता है। इस दिन हम महिलाओं के अधिकारों उनके सम्मान की बात
करतें हैं। महिलाओं को कभी अबला माना जाता था लेकिन आज वही महिलाएं तमाम
चुनौतियों को दरकिनार कर इन जो मुकाम हासिल किया वह वास्तव में सराहनीय और
प्रेरणा दायक है। आज महिलाएं पुरुषों से किसी बात में कम नहीं हैं। आज देश
और दुनिया की कमान इन महिलाओं ने ही संभाल रखी हैं। यह महिलाएं आज भी देश
ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रेरणा का स्रोत बन गईं। आज हम उन महिलाओं की
बात करेंगें जो अपने अधिकारों और सम्मान को पाने के साथ-साथ दूसरों के लिए
प्रेरणा का श्रोत बनी।
इंदिरा गांधी: भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री।
उनके पिता जवाहरलाल नेहरू और इनकी माता कमला नेहरू थीं। इन्दिरा को उनका
"गांधी" उपनाम फिरोज़ गाँधी से विवाह के पश्चात मिला था। इनके पितामह
मोतीलाल नेहरू एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रवादी नेता थे।
प्रतिभा सिंह पाटिल: भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति । प्रतिभा
पाटिल का जन्म 'जलगाँव' के 'नदगाँव' नामक ग्राम में 19 दिसम्बर, 1934 को
हुआ था। इनके पिता का नाम 'नारायण राव पाटिल' था, जो पेशे से सरकारी वकील
थे। इन्होने राजस्थान के गवर्नर के रूप में भी कार्य किया है।
सरोजनी नायडू: भारत की पहली महिला राजयपाल होने का गौरव सरोजनी
नायडू को प्राप्त है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाने वाली सरोजिनी नायडू का जन्म हैदराबाद में हुआ। प्रसिद्ध कवयित्री और
भारत देश के सर्वोत्तम राष्ट्रीय नेताओं में से एक थीं।
हरित कौर: पहली महिला एयरफोर्स पायलट हरिता कौर देवल ने एविएशन
उद्योग में अपनी एक अलग पहचान बनाईं थी। साल 1994 में वे देश की पहली महिला
एयरफोर्स पायलट बनीं।
विजया लक्ष्मी पंडित - संयुक्त राष्ट्र की पहली महिला अध्यक्षा बनीं
भारत की। विजया भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाला नेहरू की बहन
थीं। वो कैबिनेट मंत्री बनने वाली प्रथम भारतीय महिला थीं। वर्ष 1937 में
वो संयुक्त प्रांत की प्रांतीय विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं और स्थानीय
स्वशासन और सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री के पद पर नियुक्त की गईं। वर्ष 1953
में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली वह विश्व की पहली महिला
थीं। वे राज्यपाल और राजदूत जैसे कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रहीं।
कल्पना चावला- अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
भारत की कल्पना चावला का जन्म करनाल, हरियाणा, में एक पंजाबी हिंदू भारतीय
परिवार में पैदा हुआ था ।कल्पना चावाला की प्रथम उड़ान एस टी एस 87
कोलम्बिया (STS 87 Columbia) शटल से सम्पन्न हुई। इसकी अवधि 19 नवम्बर 1997
से 5 दिसम्बर 1997 थी। कल्पना की दूसरी और आखिरी उड़ान 16 जनवरी 2003 को
स्पेस शटल कोलम्बिया से शुरू हुई। यह 16 दिन का अन्तरिक्ष मिशन था, जो
पूरी तरह से विज्ञान और अनुसन्धान पर आधारित था। इस मिशन में अन्तरिक्ष
यात्रियों ने 2 दिन काम किया था और 80 परिक्षण और प्रयोग सम्पन्न किये थे।
लेकिन 01 फरवरी 2003 को कोल्म्बियाँ स्पेस शटल लेंडिंग से पहले ही
दुर्घटना ग्रस्त हो गया और कल्पना के साथ बाकी सभी 6 अन्तरिक्ष यात्रियों
की मृत्यु हो गयी।
रीता फारिया: पूरा नाम रीता फारिया पॉवेल (1945) मिस वर्ल्ड का
खिताब जीतने वाली पहली भारतीय और एशियाई मूल की महिला हैं। वे पहली भारतीय
मिस वर्ल्ड हैं, जिन्होने चिकित्सा शास्त्र में विशेषज्ञता हासिल की।
सुष्मिता सेन: पहली भारतीय महिला जिसने मिस यूनिवर्स का ख़िताब पर
कब्ज़ा किया बॉलीवुड। बॉलीवुड की अभिनेत्री हैं। इन्होंने 1994 में मिस
इंडिया और ब्रह्माण्ड सुन्दरी का खिताब जीता था। मिस इंडिया स्पर्धा में
इन्होंने ऐश्वर्या राय को हराया था।
किरन बेदी: भारतीय पुलिस सेवा की पहली वरिष्ठ महिला अधिकारी होने का
गौरव किरन वेदी को प्राप्त है। इन्होने विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी
कार्य-कुशलता का परिचय दिया है। वे संयुक्त आयुक्त पुलिस प्रशिक्षण तथा
दिल्ली पुलिस स्पेशल आयुक्त (खुफिया) के पद पर कार्य कर चुकी हैं।
मीरा कुमार: मीरा कुमार देश की पहली महिला लोकसभा स्पीकर।
अल्पसंख्यक होते हुए भी उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया और इस पद को हासिल
किया। मीरा कुमार पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री जगजीवन राम की सुपुत्री हैं।
मीरा कुमारी 1973 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुई। वे कई देशों में
नियुक्त रहीं और बेहतर प्रशासक साबित हुई।
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