मंदोदरी रामायण के पात्र, पंच-कन्याओं में से एक हैं जिन्हें चिर-कुमारी कहा गया है। मंदोदरी मयदानव की पुत्री थी। उसका विवाह लंकापति रावण के साथ हुआ था। हेमा नामक अप्सरा से उत्पन्न रावण की पटरानी जो मेघनाथ की माता तथा मयासुर की कन्या थी। अतिकाय व अक्षयकुमार इसके अन्य पुत्र थे। रावण को सदा यह अच्छी सलाह देती थी और कहा जाता है कि अपने पति के मनोरंजनार्थ इसी ने शतरंज के खेल का प्रारंभ किया था। क्या आपको पता है लंकापति रावण की मृत्यु के पश्चात मंदोदरी ने किसके साथ विवाह कर लिया था।
कुछ ही लोगों को ही पता होगा की रावण की मौत के बाद मंदोदरी ने किससे शादी की। मेघनाद की पत्नी सुलोचना अपने पति की देह के साथ सती हो गई लेकिन अद्भुत रामायण के हिसाब से मंदोदरी ने सती न होते हुए अपने देवर विभीषण से शादी कर ली थी। एक किंवदती के अनुसार रावण और मंदोदरी का विवाह मंडोर में हुआ था। मंडोल, जोधपुर( राजस्थान) के पास स्थित है। जोधपुर शहर में ही रावण का मंदिर है। स्थानीय मान्यता के अनुसार मंडोल, रावण का ससुराल है।
रावण की मृत्यु के बाद उसके वंशज यहां बस गए थे। रावण की मृत्यु के बाद मंदोदरी ने रावण के भाई विभीषण से विवाह किया था। मंदोदरी बहुत सुंदर थी। वहीँ, दूसरी पौराणिक कथाओं के अनुसार समय-समय पर समझाने वाली रावण की पत्नी मंदोदरी उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली थीं। इस जनपद को पहले मयनगर कहा जाता था, जहां एक दैत्य मय की पुत्री से रावण ने विवाह किया था।
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