एक ऐसी खबर जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जायेंगे खबर है मध्य प्रदेश के खंडवा की जहाँ की अदालत में उस समय अफरातफरी मच गई जब गवाही देने के लिए दो बकरियों को अदालत में पेश किया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बकरियों को अदालत में इसलिए पेश किया गया क्योंकि एक बकरे के असली मालिक का पता नहीं चल रहा था| यहाँ रोचक बात यह थी कि बकरा उसी का निकला जिस व्यक्ति पर चोरी का आरोप था।
मामला कुछ इस तरह है, यहाँ के तलवडिय़ा गांव के निवासी गजराज चापमाट पर विनोद पूनमसिंह निवासी पिपलौद ने यह आरोप लगाया था कि गजराज ने उसके बकरे को चोरी कर किसी को बेच दिया है। मामला थाने में पहुंचने के बाद इस केस की न्यायिक मजिस्ट्रेट सीता कनौजे की मौजूदगी में सुनवाई की गई। मामले का कोई निर्णय न निकलने पर यह मामला न्यायाधीश कनौजे की अनुपस्थिति में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी गंगाचरण दुबे की कोर्ट में पहुंचा। न्यायाधीश ने सारी बात सुनने के बाद दोनों पक्षों को बकरे की मां को कोर्ट में लाने के आदेश दिए।
गुरुवार को दोनों पक्ष बकरी लेकर कोर्ट में पहुंचे। न्यायाधीश सीजेएम ने बकरे को खोलने के आदेश दिए। जैसे ही विवादित बकरे को छोड़ा गया तो वह गजराज की बकरी के पास पहुंचा और दूध पीने लगा। कोर्ट ने बकरा जगराज के सुपुर्द करने का फैसला सुनाया।
गौरतलब है कि गत वर्ष अक्टूबर माह में कुछ इसी तरह का मामला पुणे में देखने को मिला था जहाँ एक बैल ने खुद को तलब किये जाने पर अपने मालिक के साथ फारासखना पुलिस थाने में हाजिरी लगाई।
दरअसल, बैल के मालिक के खिलाफ पशु क्रूरता निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसी शिकायत के संबंध में बैल को भी थाने में हाजिर होना पड़ा। मामला यह था कि गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान जोर-जोर से बज रहे वाद्य यंत्रों को सुनकर बैल भड़क गया। बारिश भी हो रही थी और बैल की टांगें कांप रही थी। फिर भी उसे झांकी खींचने के लिए बाध्य किया गया। बैल ने डर के मारे रस्ते में गोबर भी कर दिया जिसकी वजह से गणेश विसर्जन में शामिल कई श्रद्धालु फिसलकर घायल भी हो गए।
शिकायत में कहा गया कि गणोश प्रतिमा विसर्जन के दौरान संदीप नाम के इस बैल का निर्ममतापूर्वक इस्तेमाल किया गया। शिकायत किसी और ने नहीं,बल्कि पुलिस ने ही दर्ज कराई थी।फारासखना पुलिस ने जुलूस की वीडियो फुटेज के आधार पर बैल के मालिक गणेश मंडल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया| थाने के एक कांस्टेबल ने बैल की नापतौल भी की।
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