टैटू ने 22 वर्षो बाद परिवार से मिलाया



एक साधारण से टैटू की बदौलत 22 साल पूर्व परिवार से बिछुड़ा एक लड़का
दोबारा परिवार से मिल सका। यह युवक इस समय में महाराष्ट्र पुलिस में तैनात
है। ठाणे का धनगड़े परिवार बेटे गणेश की लौटने की खुशी में दो दशकों में
पहली बार दोगुनी धूमधाम से दिवाली मनाने की योजना बना रहा है। 22 साल पूर्व
परिवार से बिछुड़ा गणेश हाथ पर गुदे टैटू की बदौलत इसी सप्ताह परिवार से आ
मिला।



वर्ष 1991 में जब गणेश छह वर्ष का था तो उसने एक दिन स्कूल बंक कर दिया।
उसी दौरान खेलते हुए वह ठाणे के वागले इस्टेट उपनगर इंदिरा नगर में स्थित
अपने घर से बहुत आगे निकल गया। लेकिन अब वह लौट आया है। उसके हाथ पर गुदे
नाम 'मांडा' को दो दिन पहले ही मां ने अपने लाल को तुरंत पहचान लिया। मां
ने उसके हाथ पर यह नाम चार वर्ष की आयु में गुदवाया था।



युवा गणेश ने अपने 22 वर्षो के कटु अनुभवों को याद करते गुरुवार को बताया,
"उस दिन हम स्कूल जाने से ऊब गए थे और मैं दोस्तों संग खेल रहा था, लेकिन
हम खेलते-खेलते बहुत आगे निकल गए और लौट नहीं सके। तब उम्र में बड़े एक
लड़के ने कहा कि वह हमें घुमाने ले जाएगा, इसलिए हम उसके संग चले गए।"



तीनों ने ठाणे स्टेशन से बाहर जाने के लिए ट्रेन पकड़ी और करीब एक घंटे बाद
वह कुछ स्टेशन पार कर गए। बाद में पुल पार किया और प्लेटफार्म के उस पार
गए। वहां उसके दो दोस्तों ने उसे कुछ देर इंतजार करने को कहा। गणेश ने कहा,
"वह नहीं लौटे। मैं अकेला था। भूखा। क्या करूं, कहां जाऊं, कुछ सूझ नहीं
रहा था। जो ट्रेन पहले आई, वही मैंने पकड़ ली। बाद में मैंने उस पर छत्रपति
शिवाजी टर्मिनस लिखा देखा।"



उसकी जिंदगी बॉलीवुड की फिल्मों में दिखाए जाने वाले अनाथ बच्चों की जैसी
गुजरी। समय बीतता गया मुंबई की गलियों में, रेलवे बेंच पर सोकर, सड़क
किनारे बने ढाबों में काम करके और जन शौचालय का प्रयोग करते हुए।



इस बीच उसकी मां मांडा धनगड़े ने बेटे की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी।
मांडा ने अश्रुपूर्ण आंखें लिए कहा, "हमने जिले के भागों में उसके फोटो का
प्रचार किया था। पुलिस मदद ली, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। वर्षो बीतने के
चलते हमने इसके लौटने की उम्मीद छोड़ दी थी।"



खेल में उत्कृष्ट गणेश राज्य पुलिस परीक्षा में बैठा था और वर्ष 2010 में
इसमें चयनित हो गया था। वर्तमान में बतौर क्यूआरटी सदस्य तैनात होने से
पूर्व उसने विभिन्न पदों पर काम किया। गणेश और उसका पूरा परिवार पिछले माह
युवा भर्ती के लिए उसे लेकर आए क्यूआरटी इंस्पेक्टर श्रीकांत सोंधे का
आभारी है। आभारी गणेश ने कहा, "मेरी बांह पर गुदे टैटू की तह में जाने के
लिए सोंधे ने सभी पुलिस जांच तकनीकों का प्रयोग किया। अंत में मेरे परिवार
तक पहुंचने में मुझे सफलता मिल गई।" 





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