चित्रा शाह (30) उस समय बिल्कुल टूट चुकी थीं, जब उन्हें मालूम हुआ कि उनके पति फेफड़े के कैंसर से पीड़ित हैं। पति की बीमारी के दौरान घर और बच्चों की देखभाल, सास-ससुर की सेवा और पति को अस्पताल ले जाने-लाने में चित्रा को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
इसके अलावा घर से अस्पताल की दूरी और अतिरिक्त खर्चे के बोझ से चित्रा बेहाल थीं। लेकिन, कैंसर के बेहतर इलाज और उपचार के लिए शुरू की गई नई योजना चित्रा के लिए राहत लेकर आई। योजना के अंतर्गत गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) सेवा और कीमोथेरेपी की सुविधा घर पर ही उपलब्ध कराई जाएगी।
हेल्थकेयर एट होम (एचसीएएच) मेडिकल सर्विस के प्रमुख गौरव ठकराल ने बताया, "कैंसर का संघर्ष बेहद कठिन और तोड़ देने वाला है, लेकिन इसकी मुश्किल को थोड़ा कम किया जा सकता है और इलाज को सुविधाजनक बनाया जा सकता है, यदि कैंसर का इलाज और उपचार घर पर ही संभव हो जाए।"
इस योजना की नींव रखने वालों में ठकराल भी शामिल हैं। इस योजना को शुरू करने के लिए उन्होंने पिछले साल फोर्टिस में चिकित्सक के पद से त्यागपत्र दे दिया। ठकराल जब अपने मरीजों द्वारा उठाई जा रही परेशानियों से रू-ब-रू हुए तो उनके दिमाग में घर पर ही कैंसर का इलाज उपलब्ध कराने की सुविधा का विचार आया।
उन्होंने कहा कि बार-बार अस्पतालों के चक्कर लगाने के बजाय अब मरीजों को उनके घर पर ही कीमोथेरेपी के इंजेक्शन, प्रशिक्षित नर्स और दूसरी सुविधाएं मिलेंगी। जिन मरीजों को आईसीयू में रखे जाने की जरूरत होगी, उनके लिए भी घर पर ही आईसीयू की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
अच्छी बात यह है कि घर पर उपचार की सुविधा के लिए मरीज को अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा। कीमोथेरेपी इंजेक्शन की सामान्य कीमत जहां 2,000 से 10,000 के बीच है, वहीं घर पर उपचार कराने पर भी आईसीयू की सुविधा के लिए 8,000 से 10,000 रुपये तक का ही खर्च आएगा।
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