तंबाकू से देश में हर घंटे 114 लोगों की मौत



तंबाकू का सेवन मौत का कारण बनता जा रहा है। देश में हर रोज (24 घंटे) 2800
से ज्यादा लोगों की मौत तंबाकू के उत्पाद अथवा अन्य धूम्रपान का सेवन करने
की वजह से हो रही है। इस तरह हर घंटे 114 लोगों की मौत का कारण तंबाकू है।
इतना ही नहीं दुनिया में हर छह सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत का कारण
तंबाकू और धूम्रपान का सेवन है, यही कारण है कि जनजागृति लाने के लिए विश्व
स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) पर
तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी को ज्यादा स्थान देने पर जोर दिया है।

तंबाकू
उत्पादों और धूम्रपान से होने वाली बीमारियां और मौतों की रोकथाम के ध्यान
में रखकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) द्वारा वर्ष 2016 की थीम
'तंबाकू उत्पादों पर प्लेन पैकेजिग' रखी गई है। इसका आशय यह है कि समस्त
तंबाकू उत्पादों के पैकेट का निर्धारित रंग हो और उस पर 85 प्रतिशत सचित्र
चेतावनी हो तथा उस पर लिखे शब्दों का साइज भी निर्धारित मात्रा में हो,
इसके साथ ही इन उत्पादों पर कंपनी को केवल अपने ब्रांड का नाम लिखने की
आजादी हो।

वॉयस आफ टोबेको विक्टिमस ने डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों का
जिक्र करते हुए बताया कि एक सिगरेट जिदगी के 11 मिनट छीन लेता है। तंबाकू व
धूम्रपान उत्पादों के सेवन से हमारे देश में प्रतिघंटा 114 लोग जान गंवा
रहे है। वहीं दुनिया में प्रति छह सेकेंड में एक मौत हो रही है। वीओटीवी ने
वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (गेट्स) का हवाला देते हुए बताया कि मध्य
प्रदेश के 39़ 5 फीसदी वयस्क(15 वर्ष से अधिक) आबादी तम्बाकू का किसी न
किसी रूप में प्रयोग करते हैं, जिसमें 58़ 5 प्रतिशत पुरुष और 19 प्रतिशत
महिलाएं हैं। वहीं देशभर में 20 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू उत्पादों का शौक
रखती हैं। सर्वे के अनुसार देश की 10 फीसदी लड़कियों ने स्वयं सिगरेट पीने
की बात को स्वीकारा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट ग्लोबल
टोबेको एपिडेमिक पर अगर नजर डालें तो पता चलता है कि महिलाओं में तंबाकू के
सेवन का आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है। इनमें किशोर व किशोरियां भी शामिल
हैं। जो कि मध्य प्रदेश की कुल आबादी का करीब 17 फीसदी है। यह सर्वेक्षण
2010 का है। गेट्स का सर्वे भारत में 2016 में होना प्रस्तावित है। गेट्स
(भारत 2010) के अनुसार रोकी जा सकने योग्य मौतों एवं बीमारियों में
सर्वाधिक मौतें एवं बीमारियां तंबाकू के सेवन से होती हैं। विश्व में
प्रत्येक 10 में से एक वयस्क की मृत्यु के पीछे तंबाकू सेवन ही है। विश्व
में प्रतिवर्ष 55 लाख लोगों की मौत तंबाकू सेवन के कारण होती है। विश्व में
हुई कुल मौतों का लगभग पांचवां हिस्सा भारत में होता है।

वायॅस अफ
टोबेको विक्टिमस के पैट्रन व मध्यप्रदेश मेडिकल आफीसर एसोसिएशन के संरक्षक
डा़ ललित श्रीवास्तव ने बताया कि तंबाकू उद्योग द्वारा तंबाकू के प्रति
युवकों को आकíषत करने के प्रतिदिन नए नए प्रयास किए जा रहे हैं।
'युवास्वस्था में ही उन्हें पकड़ो' उनका उद्देश्य है, तंबाकू उत्पादों को
उनके समक्ष व्यस्कता, आधुनिकता, अमीरी और वर्ग मानक और श्रेष्ठता के पर्याय
के रूप में पेश किया जाता है। वायॅस आफ टोबेको विक्टिमस के मुताबिक हाल ही
में प्रारंभिक शोधों में सामने आया है कि तंबाकू का सेवन करने वालों के
जीन में भी आंशिक परिवर्तन होते हैं जिससे केवल उस व्यक्ति में ही नहीं
बल्कि आने वाली पीढ़ियों में भी कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
इसके साथ ही इन उत्पादों के सेवन से जहां पुरुषों में नपुंसकता बढ़ रही है
वहीं महिलाओं में प्रजनन क्षमता भी कम होती जा रही है।

डा़
श्रीवास्तव ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान (आईसीएमआर) की रिपोर्ट
में इस बात का खुलासा किया गया है कि पुरुषों में 50 प्रतिशत और स्त्रियों
में 25 प्रतिशत कैंसर की वजह तम्बाकू है। इनमें से 90 प्रतिशत में मुंह का
कैंसर होता है।  वायॅस आफ टोबेको विक्टिमस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय
सेठ ने कहा कि सरकार को सम्पूर्ण राज्य में कोटपा एक्ट को कठोरता से लागू
करना चाहिए ताकि बच्चे व युवाओं की पहुंच से इसे दूर किया जा सके। सभी
आधुनिक और प्रगतिशील राज्यों को अपने नागरिकों के लिए एक स्वस्थ वातावरण
प्रदान करने के लिए कोटपा कानून को कड़ाई से लागू किया जाना अतिआवश्यक है।
कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों की पुलिस ने तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों
की खपत को कम करने में सराहनीय भूमिका निभाई है।

उन्होंने बताया कि
भारत में 5500 बच्चे हर दिन तंबाकू सेवन की शुरुआत करते हैं और वयस्क होने
की आयु से पहले ही तम्बाकू के आदी हो जाते हैं। तंबाकू उपयोगकर्ताओं में
से केवल तीन प्रतिशत ही इस लत को छोड़ने में सक्षम हैं। वीओटीवी की आशिमा
सरीन ने बताया कि तंबाकू उत्पादों की बढ़ती खपत सभी के लिए नुकसानदायक है।
इससे जहां जनमानस को शारीरिक, मानसिक और आíथक भार झेलना पड़ता है वहीं
सरकार को भी आíथक भार वहन करना पड़ता है। इसलिए तंबाकू पर टैक्स बढ़ाने की
नीति को निरतर बनाए रखना चाहिए या फिर इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

उन्होंने
बताया कि दुनियाभर में होने वाली हर पांच मौतों में से एक मौत तंबाकू की
वजह से होती है तथा हर छह सेकेंड में होने वाली एक मौत तंबाकू और तंबाकू
जनित उत्पादों के सेवन से होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि
सन 2050 तक 2-2 अरब लोग तंबाकू या तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे होंगे।


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